सखि,
आज तो एक पहाड़ देखा है । अब ये मत कहना सखि कि इसमें खास बात क्या है ? पहाड़ तो रोज ही दिखते हैं । टूटते हुए , खिसकते हुए, दरकते हुए, सरकते हुए, सुबकते हुए और कलपते हुए । पहाड़ों की तो जिंदगी ही यही है कि कोई नदी उसका दिल तोड़ जाती है और उसे तिल तिल मरने को छोड़कर सागर में मिल जाती है । बेचारा पहाड़ आंसू बहाता रह जाता है ।
नहीं सखि, यह वैसा पहाड़ नहीं था । यह तो चमचमाते , करारे हरे गुलाबी नोटों का पहाड़ था । है ना चौंकने वाली बात ? मैं भी चौंका था जब मैंने इसे पहली बार देखा था । हमने तो यह सुना था कि इस देश में दूध , घी की नदियां बहती थीं मगर नोटों के पहाड़ के बारे में ना तो कभी पढा था और ना ही कभी सुना था । इस पहाड़ को देखकर दिल को बड़ी तसल्ली हुई कि मेरा देश कितना बदल गया है । कोई जमाने में खाने को रोटियां नहीं मिलती थीं घरों में । और अब 2000 और 500 रुपए के नोटों के पहाड़ मिल रहे हैं लोगों के घरों में । है न सखि, गर्व करने योग्य बात ?
पता है सखि कि यह पहाड़ कहां मिला था ? पश्चिम बंगाल की एक जानी मानी अभिनेत्री अर्पिता मुखर्जी के घर में । अब तुम सोचो सखि, कि जिस घर में पहाड़ निकला हो, वह घर कितना विशाल होगा ? सोच सोचकर ही मन प्रफुल्लित होने लगता है सखि । देश ने इतनी तरक्की कर ली है कि लोगों के घरों में अब चूहे लंबलोट लगाते नहीं मिलते अपितु नोटों के पहाड़ मिलते हैं । यह है बदलते भारत की तस्वीर ।
एक मजे की बात बताऊं सखि , ये नोट उस अभिनेत्री के नहीं हैं । उसके पास इतनी दौलत कहां से आएगी ? ये तो सादगी की मिसाल वाली , सादा सी सूती साड़ी पहनने वाली , पैरों में स्लीपर डालने वाली मुख्यमंत्री की सरकार में एक मंत्री पार्थो चटर्जी के बताए गये हैं । पर एक बात यह आश्चर्य की है सखि, कि यदि ये पैसे माननीय मंत्री महोदय के हैं तो फिर यह नोटों का पहाड़ बंगाली अभिनेत्री के घर से कैसे निकला ? क्या रिश्ता है माननीय मंत्री महोदय का इस अभिनेत्री के साथ ? सोशल मीडिया पर तो बहुत सी बातें की जा रही हैं दोनों के रिश्ते के बारे में । मगर इस संबंध में हम तो चुप ही रहेंगे । आखिर एक महिला की प्रतिष्ठा का प्रश्न है । ये अलग बात है कि उस महिला ने अपनी प्रतिष्ठा कितनी संभाल कर रखी और कितनी नहीं । पर एक बात जरूर है कि माननीय मंत्री महोदय और अभिनेत्री जी के कई सारे फोटो सोशल मीडिया पर घूम रहे हैं । इनसे अंदाज लगा सकती हो सखि, कि माजरा क्या है ? अब भी कुछ बताने की आवश्यकता है क्या ?
नोटों को गिनने के लिए मशीन मंगवाई गई थी । काश हम भी मौके पर होते ? हमने कभी देखे नहीं हैं ना नोटों के पहाड़ । आज टेलीविजन पर ही देखा है । पहले तो गड्डियों के अंबार ही देखे थे । मालूम हुआ कि ये नोट 20 करोड़ से ज्यादा के थे । प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि माननीय मंत्री महोदय पहले शिक्षा मंत्री थे तब शिक्षक भर्ती घोटाला हुआ था और यह रकम उसी घोटाले की बताई जा रही है । इसकी जांच कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर सी बी आई कर रही है । जब सी बी आई को मनी लॉन्ड्रिंग की जानकारी मिली तो प्रवर्तन निदेशालय को भी इस जांच में शामिल किया गया था । प्रवर्तन निदेशालय ने गजब का काम किया है सखि । नोटों का इतना बड़ा जखीरा पकड़ा है उसने । वह भी मुख्य मंत्री जी के खास मंत्री जी की सबसे करीबी से । मुख्यमंत्री जी के सबसे नजदीक बताए जाते हैं ये मंत्री महोदय । सादगी की मिसाल बने हुए नेताओं का जब ये हाल है तो दूसरे नेताओं का कैसा हाल होगा ? क्या तुम समझ सकती हो सखि ? हो सकता है कि उनके घरों में हिमालय जैसा पहाड़ हो नोटों का ? काश , हम भी देख पाते वह नजारा ?
सखि, मौज उड़ाओ कि देश का भविष्य उज्जवल है
सादगी की आड़ में कीचड़ का भयानक दलदल है
बदले की कार्रवाई का ये जो अजीब सा कोलाहल है
अपने पापों को छुपाने का इनका यह प्रयास निष्फल है
श्री हरि
24.7.22
Abhinav ji
25-Jul-2022 08:03 AM
Very nice👍
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Gunjan Kamal
24-Jul-2022 09:18 PM
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌👌
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Madhumita
24-Jul-2022 09:01 PM
बहुत सुंदर
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